बड़ी खामोसी से बैठे हैं फूलो के धरौदे....जरा पूछ बतलाएंगे सारी गुस्ताखिया....!!!______ प्यासे गले में उतर आती....देख कैसे यादों की हिचकियाँ....!!!______ पलके उचका के हम भी सोते हैं ए राहुल....पर ख्वाब हैं की उन पर अटकते ही नहीं....!!!______ आईने में आइना तलाशने चला था मैं देख....कैसे पहुचता मंजिल तो दूसरी कायनात में मिलती....!!! धुप में धुएं की धुधली महक को महसूस करते हुए....जाने कितने काएनात में छान के लौट चूका हूँ मैं....!!!______बर्बादी का जखीरा पाले बैठी हैं मेरी जिंदगी....अब और कितना बर्बाद कर पाएगा तू बता मौला....!!!______ सितारे गर्दिशों में पनपे तो कुछ न होता दोस्त....कभी ये बात जाके अमावास के चाँद से पूछ लो....!!!______"

गुरुवार, 6 सितंबर 2012

पुरानी एल्बम...!!!


बस लिए बैठा फटी पुरानी तस्वीरे...!!!
कुछ अन्सुझी सी एक उदासी लिए
लपेट रहा उसको धूल लभेडे अलबम में..!!
कुछ लम्हे काट कर जेहन में पिन कर लिए...!!!
पर कुछ को छोड दिया वही...पकड़ न सका...!!!
कई को देख आखों को लगा
कोई प्याज काट रहा बगल..!!!
कुछ चिंगारी उठी...धुवां सा हुआ...!!!
अब जलते शहर में क्या करे कोई शायर...!!!
 

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