बड़ी खामोसी से बैठे हैं फूलो के धरौदे....जरा पूछ बतलाएंगे सारी गुस्ताखिया....!!!______ प्यासे गले में उतर आती....देख कैसे यादों की हिचकियाँ....!!!______ पलके उचका के हम भी सोते हैं ए राहुल....पर ख्वाब हैं की उन पर अटकते ही नहीं....!!!______ आईने में आइना तलाशने चला था मैं देख....कैसे पहुचता मंजिल तो दूसरी कायनात में मिलती....!!! धुप में धुएं की धुधली महक को महसूस करते हुए....जाने कितने काएनात में छान के लौट चूका हूँ मैं....!!!______बर्बादी का जखीरा पाले बैठी हैं मेरी जिंदगी....अब और कितना बर्बाद कर पाएगा तू बता मौला....!!!______ सितारे गर्दिशों में पनपे तो कुछ न होता दोस्त....कभी ये बात जाके अमावास के चाँद से पूछ लो....!!!______"

मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

फेसबुक स्पेशल:


लोग ऐसे अपडेट की कामना हमसे तो कतई नहीं करते पर फिर भी आज हम कुछ नया ही परोस देते हैं...!!

दिन उगते ही फेसबुक पर कूदता हैं...
अपने अपडेटों पर कमेंट ढूँढता हैं...!!

कोई टैग ना करे ऐसा विचार रख...
खुद दुनिया भर के टैग परोसता हैं...!!

कितने झगड़े कितनी खिच पिच...
सारे दांव पेच यही पे खोजता हैं...!!

कितनी दिक्कतों मे रहती जिंदगी...
इंसान फेसबुक खोलना ना भूलता हैं...!!

क्या चीज बना डाली ए "मार्क" तूने
इंसान रोज नयी फोटो खीचता फिरता हैं...!!

~खामोशियाँ©

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